गुरुवार, 9 फ़रवरी 2017

चुनावी चुग्गा, भरमाया मन

चुग्गा स्थल तो देखा ही होगा। जहां पक्षी पेट की आग शांत करने के लिए चुग्गे की तलाश में आते हैं। ऐसे ही एक 'चुनावी चुग्गा' भी होता है। यहां 'चुनाव' ऐसा 'चुग्गा स्थल' है, जहां पर मतदाता को पक्षी समझा जाता है और माननीय नेताजी को चुग्गा डालने वाला। जिस तरफ से सबसे अधिक चुग्गा उछाला जाता है उस तरफ अधिकतर मतदाता एक डोर में बंध कर खिंचे चले जाते हैं। 

जैसे चिडिय़ाओं और कबूतरों को चुग्गा डाल कर मन पुलकित हो उठता है, वैसे ही चुनावी रणक्षेत्र रूपी 'चुग्गा स्थल' पर 'निरीह पक्षी' बने मतदाता की तरफ नेताजी चुग्गा डालते हैं। पक्षी की भांति चुग्गा पाकर मतदाता भी प्रसन्न हों, इसकी कोई गारंटी नहीं, लेकिन नेताजी के चेहरा खिलखिला उठाता है। पर उसे भी संशय उत्पन्न हो जाता है कि कहीं विपक्ष की ओर से ज्यादा मात्रा में चुग्गा न फेंक दिया जाए। कई दफा इसी चुग्गे से मतदाता का पुराना दर्द भी सिहर उठता है। मतदाता को हर तरह के चुग्गे की अपेक्षा रहती है। 

इस बीच कुछ ऐसे भी चुग्गेबाज आ जाते हैं, जो हाथ हिलाकर चुग्गा डालने का बखूबी अभिनय करने लगते हैं। तब मतदाता भ्रमित हो जाते हैं। मतदाता इंतजार में रहते हैं कि अब फेंकेगा चुग्गा कि कब फेंकेगा। ताकि वह उसे तीव्रता से लपक ले। सरकार बनने के बाद इस चुग्गे पर पहरा बैठा दिया जाता है। कई बार यह पांच साल तक कैद रहता है, लेकिन चुग्गा बाहर नहीं निकाला जाता। तब जैसे-तैसे चुग्गा बीन-बीन कर काम चलाना पड़ता है, ठीक पक्षियों की तरह। कुछ अप्रत्याशित चुग्गा भी होता है, जिससे मतदाता को जाल में फंसाया जाता है। यह अक्सर नुकसानदायक  होते हैं। कई दफा चुग्गा डालने वालों से उनको खतरा भी रहता है फिर भी पूरी हिम्मत केचुग्गा स्थल पर डटे रहते हैं। यही तो उनका काम है। इस चुग्गे पर मतदाता से ज्यादा औरों की गिद्ध दृष्टि रहती है। जैसे ही सरकार की काल कोठरी से यह चुग्गा निकाला जाता है तो बीच रास्ते में ही उसके लुटने का डर रहता है। बड़ी मात्रा में लुट भी जाता है। 

यह पहले से ही निर्धारित रहता है कि कितना चुग्गा किस तरफ सप्लाई किया जाएगा। उसमें से कुछ तो अपनी व्यक्तिगत संपत्ति या अपना अधिकार मानकर नेताजी अपनी तरफ खींच लेते हैं और कुछ सरकारी कारिंदे अपने हिस्से का चुग्गा लेकर उड़ जाते हैं। जो कुछ बचता है वह मतदाता की तरफ रवाना कर दिया जाता है। तब मतदाता अपना काम-धंधा छोड़कर इसकी प्राप्ति के लिए विशेष प्रयत्न करना शुरू कर देता है। इस बार प्रेशर कूकर, लैपटॉप, स्मार्टफोन, घी, चीनी, आदि चुग्गों के नाम गिना लुभाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इन चुग्गों के नाम सुन कर हर किसी का मन भरमाया हुआ है। 

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