रविवार, 19 फ़रवरी 2017

जन्म कुंडली मंत्रालय

हमारे एक मित्र सबको खुश रहने का ज्ञान बांटते फिरते हैं, लेकिन आज वो खुद दुखी हैं। जब भी वो किसी को थोड़ी-सी मुस्कान देते थे तो हम सोचते थे कि इनता जीवन तो सार्थक हो गया। इनको जरूर जन्नत नसीब होगी, पर जन्नत से पहले आज वो नरक क्यों भोगने पर तुले हैं।

पूछा तो कहने लगे, 'या तो हमारी जन्मपत्री ही किसी ने गलत बना दी या फिर राहु-केतु ने घर बसा लिया है, जो खिसकने का नाम ही नहीं ले रहे हैं।' मैंने कहा, 'हो क्या गया।' मेरी तरफ देखे बिना ही कहा, 'हम जो भी काम करने जाते हैं उसमें विफलता ही मिलती है। अब यह भी कोई बात हुई। हमारी जन्मकुंडली में लिखा है कि हम एक दिन बहुत बड़े आदमी बनेंगे। किसी के रोके से भी नहीं रुकेंगे।' बीच में ही मैंने रोका, 'फिर दिक्कत क्या है।'

उसने कहा, 'रोजाना जन्म कुंडली निकाल कर देखते हैं कि कोई कमी तो नहीं रह गई। या तो यह किसी और की कुंडली थमा दी गई थी या उसे बनानी ही नहीं आती।' मैंने कहा, 'तो फिर से किसी को दिखा लो।' उसने कहा, 'बहुत सो को दिखा दिया। सब एक ही बात बोलते हैं कोई अड़चन नहीं। मुझे तो ज्योतिष शास्त्र पर ही संदेह होने लगा है। कहीं सबको मूर्ख तो नहीं बनाया जा रहा।' मैंने कहा, 'हम एक बहुत बड़े विद्वान पंडित और ज्योतिष शास्त्र के ज्ञानी को जानते हैं।

उसने कहा, 'अब जन्म कुंडली सरकार को ही दिखाएंगे। उनके यहां पर यह काम भी शुरू कर दिया है। मुझे विश्वास है कि उनसे अच्छी जन्मपत्री विश्व जगत में कोई नहीं बांच सकता। वो ही एक ऐसे शख्स हैं, जिनके पास हर बड़े आदमी की जन्मपत्रियां जमा हंै। अब जब हम भी बड़े बनने जा रहे हैं तो सीधे सरकार को ही क्यों नहीं जन्मपत्री दिखा आए। मेरे हिसाब से सरकार को थोड़ी-सी सुविधा और कर देनी चाहिए। अलग से एक जन्म कुंडली मंत्रालय बना देना चाहिए। वैसे तो इसका मंत्री कोई भी बनने को तैयार हो जाएगा, लेकिन हमारी दिली तमन्ना है कि यह मंत्रालय सीधे देश के मुखिया के अधीन रखा जाए। क्योंकि देश में कौन-क्या बनने जा रहा है इसका पता उनको पहले से ही रहेगा। कोई विपदा या आपत्ति आएगी तो वो उसका निवारण भी सरकारी स्तर पर ढूंढ निकालेंगे। देश के प्रत्येक नागरिक से उनका सीधा जुड़ाव भी हो सकेगा। जन्मपत्री पर सरकारी मुहर बहुत सुहाएगी। जैसे दूसरे कागजों पर अपनी शोभा बढ़ती है। अब बस यही आस है कि इस चुनाव में जन्म कुंडली मंत्रालय की घोषणा कर दें। ताकि हम जैसे बहुत से लोगों को राहत मिल जाए। थोड़ी देर पहले शांत स्वभाव से लगने वाले मित्र इस नए मंत्रालय में भर्तियों की बात शुरू करते, उससे पहले ही वहां से मैंने कल्टी मार ली।

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